Tuesday, July 05, 2005

भूल गए वो मुझको ही

भूल गए वो मुझको ही, यादों को मेरी साथ लिए
धुंधला हो गया चेहरा मेरा, हाथों में जब हाथ लिए।

कब तक मन बहलाए कोई, चंद पलों की बातों से,
उम्र गुज़र गई ऐ गुलशन, उनसे खुलकर बात किए।

समय नहीं गुजरेगा मानों, झरने सब थम जाएँगे,
मौत नहीं आएगी उन बिन, ज़हर कोई क्या ख़ाक पिए।

इजाज़त दी थी क्यों ऐ दिल, आरजुओं को आने की,
नहीं छोड़ती अब वो दामन, कोशिश मेरे लाख किए।

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