Friday, February 04, 2005

देखना, यों अकेले हो मत जाना

जब चहल-पहल होगी सब ओर,
कुछ बातें होंगी और कुछ शोर,
उस समय मेरी याद में खो मत जाना ।
देखना, यों अकेले हो मत जाना ।

यथार्थ की माँग पर चलना ज़रूरी हो,
तुम्हारी मंज़िल और मेरे बीच बड़ी दूरी हो,
तब आँखों में मेरे सपने भरे सो मत जाना ।
देखना, यों अकेले हो मत जाना ।

जब मेहनत पर सफलताएँ मिलने लगें,
होंठों पर एक मुस्कान खिलने लगे,
तब दिल में मुझे याद कर रो मत जाना ।
देखना, यों अकेले हो मत जाना ।

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