Tuesday, June 28, 2005

सुहाना मौसम आ गया तुम आ सकते नहीं

सुहाना मौसम आ गया तुम आ सकते नहीं
और तुम बिन ये नज़ारे हमें भा सकते नहीं।

परिंदे भी बहलाते नहीं हमें, कहते हैं ये -
ये रोती शकल देख हम गा सकते नहीं।

साथियों ने तौबा कर ली साथ मेरे आने से -
रहती हो जाने कहाँ हम साथ आ सकते नहीं।

छोड़ दिया मेरे हाथों ने मेरा साथ, कहा -
छूना है आसमान, वहाँ हम जा सकते नहीं।

ख़्वाबों को मेरे पड़ी नसीहतों की मार -
छोड़ दे, उन्हे तेरे नसीब पा सकते नहीं।

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