A journey - so common, yet so special
हर लम्हाजो मैंने चुराया थावक़्त के चंगुल से,दुनिया के हाथों से,हमारे लिए,उन सबका काएक ही हश्र हुआ है।
सब-के-सबबस याद बन कर रह गए हैं।
बस याद बन कर रह गए हैं
वाह
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2 comments:
बस याद बन कर रह गए हैं
वाह
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