Wednesday, May 11, 2005

रूठा ना करो

रूठा ना करो इन सवालों पर,
पागल दिल के बेचैन ख़यालों पर।

जो एक बार तुमसे पूछा,
सौ बार पहले ख़ुद से पूछा।
तुमसे पूछ कर मैंनें
बस मरहम तुम्हारे साथ का
लगाया दिल के छालों पर।
रूठा ना करो इन सवालों पर।

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